
मनुष्य को हमेशा यह नही सोचना चाहिए की वो अपने जीवन में कितना खुश है बल्कि यह सोचना चाहिये की उस मनुष्य की वजह से दूसरे कितने खुश हैं।
मनुष्य को हमेशा यह नही सोचना चाहिए की वो अपने जीवन में कितना खुश है बल्कि यह सोचना चाहिये की उस मनुष्य की वजह से दूसरे कितने खुश हैं।
अच्छे व्यवहार का कोई आर्थिक मूल्य भले ही न हो लेकिन अच्छा व्यवहार करोड़ों दिलों को खरीदने की शक्ति रखता […]
दुरेण ह्यवरं कर्म बुद्धियोगाद्धञ्जयबुद्धौ शरणमन्विच्छ कृपणाः फलहेतवः || अर्थ – श्री कृष्ण जी अर्जुन से कहते हैं कि हे पार्थ […]