
अगर कोई मनुष्य आपको केवल जरूरत पड़ने पर ही याद करता हैं, तो उस बात का बुरा
मत मनो क्युकि जब अँधेरा हो जाता हैं तभी दिए की याद आती हैं !
अगर कोई मनुष्य आपको केवल जरूरत पड़ने पर ही याद करता हैं, तो उस बात का बुरा
मत मनो क्युकि जब अँधेरा हो जाता हैं तभी दिए की याद आती हैं !
ध्यायतो विषयान्पुंसः सङ्गस्तेषूपजायते।सङ्गात्संजायते कामः कामात्क्रोधोऽभिजायते॥ अर्थ इस श्लोक का अर्थ है: विषयों (वस्तुओं) के बारे में सोचते रहने से मनुष्य […]
क्रोध एक प्रचंड अग्नि है, जो मनुष्य इस अग्नि को वश में कर सकता है, वह उसको बुझा देगा | […]